संबंधो में रमणीकता सम्बन्ध जीवन जीने के लिए निहायत जरुरी है | संबंधो को सजीव, सार्थक और मधुर बनाये रखना जीवन की अनिवार्यता है | यदि परस्पर सम्बन्धो में नीरसता हो, कड़वाहट और रुक्षता हो, एक ऊष्मा, उत्साह और ख़ुशी का अनुभव न हो, तो सम्बन्ध जड़वत रह जाते है | एक दुसरे को कोई प्रेरणा या कोई ऊर्जा मिल नहीं पाती | इसलिए यह जरुरी है कि आपसी संबंधो में शालीनता के साथ-साथ रमणीकता का पुट हो | रमणीकता संबंधो को सरस और सुखदायी बनाती है | रमणीकता का अर्थ सिर्फ हास्य और विनोद नहीं है, बल्कि रमणीकता का अर्थ आपसी व्यवहार की सुन्दरता, सरसता और मधुरता भी है |कोई भी बात खड़ी भाषा में कहने की अपेक्षा यदि रमणीकतासे उसका प्रस्तुतिकरण किया जाए, तो वह अधिक ग्राह और प्रभावशाली होती है |राम्निकता व्यक्ति गंभीर और बड़ी से बड़ी बात भी बड़ी सादगी और सरलता से कह सकता है | यदि दूसरों की त्रुटियाँ भी रमणीक अंदाज में बताई जाती है, तो सम्मुख व्यक्ति उसका बुरा नहीं मानता, बल्कि उसका ध्यान अपनी गलतियों पर सहज ही चला जाता है | मर्यादा और संयम रुपी अंकुश भी जरुरी संबंधो में रमणीकता का अर्थ यह नहीं है कि हम स...