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 आप हिम्मत का एक कदम बढाओं तो परमात्मा की सम्पूर्ण मदद आपके साथ होगी !

positive thoughts


                   






·            शुभ भावना के मधुर बोल हीरे- मोती से भी मूल्यवान है
·            आप कह सकते है कि हम समझदार है लेकिन समझ कर्म से दिखाई देनी चाहिए
·            स्रष्टि नाटक में कुछ भी नया नहीं है, इस स्मृति से स्थिरता का अनुभव करो
·             अथक पुरुषार्थ और सहनशीलता सफलता कि कुंजी है
·             दिव्य गुण भगवान के नजदीक लाते है लेकिन अवगुण भगवान से दूर कर देते है
·             जब मन को गुणों से भर लिया जाता है तो ये गुण हमारे कर्मो में प्रगट होना शुरू कर देते है
·            सादा भोजन,उच्च विचा, स्वस्थ तन-मन के आधार
·           उदासी व निराशा अभिशाप है,अपनी सर्व्शाक्तियों को जगाओ तो इनसे मुक्त हो हो जयोगे
·             महँ पुरुष समस्याओ को देख रुकते नहीं, उनसे प्रेरित हो आगे बढ़ते है
·             ख़ुशी से बढ़कर दूसरी खुराक नहीं,चिंता के सामान कोई बीमारी नहीं
·               परमात्म-ज्ञान रूपी घृतसाथ हो तो ख़ुशी का दीपक सदा जगा रहेगा
·          घ्रणा को प्रेम में, द्वेष को अनुराग में, अन्धकार को प्रकाश में बदल देना ही मानवता है
·          मन कि उलझन समाप्त कर वर्तमान एवं भविष्य उज्जवल बनाओ
·          समस्याओ का धैर्य से सामना करो तो समाधान सामने आ जायेगा
·          हर कर्म का बीज संकल्प है, इसलिए अच्छे शुद्ध संकल्पों के बीज बोओ
·          सदा परमात्मा कि कंपनी में रहो और उन्हें ही अपना कम्पनियां बनाओ
·          रूप को न देख रोह को देखो और चारो और रूहानियत कि खुशबू फैलाओ
·          अपने संतुष्ट और खुशनुमा जीवन से हर कदम में सेवा करने वाले ही सच्चे सेवाधारी है
·          अपने श्रेष्ठ भाग्य द्वारा, भाग्य बनाने वाले भगवान कि स्मृति दिलाते रहो
·          विस्तार में भी सार को देखने का अभ्यास करो तो स्थिति सदा एकरस रहेगी
·          श्रेष्ठ और स्वच्छ स्पर्धा तंदुरुस्ती कि निशानी है, इर्ष्या घातक बीमारी है
·          आवश्यकताओ के लिए धन कमान अच्छा है, अधिक धन कि भूख मानव को नीचे गिरती है
·          अपना वर्तमान ठीक रखो तो आने वाला समय भी ठीक हो जायेगा
·          श्रेष्ठ और निस्वार्थ संकल्पों कि सिद्धि अवश्य होती है
·          दिव्य गुणों के फूल बनो , रूहानी हो मुस्कान फले पवित्रता कि, आकर्षित  हो भगवान
·          दैवी गुणों कि धारणा सच्चा धर्मं है, यही जीवन का सच्चा श्रंगार है
·          ज्ञान कलश को धारण करके स्वयं के व जग के कलह-क्लेश मिटाओ




1. कमाएँ निति से, खर्च करे रीती से और दान करे प्रीति से
2.उपवास खाने का नहीं करे बल्कि गन्दी सोच, गन्दी नियति और गंदे विचारो और गंदे विचारो का करे
3. जो तकलीफ खुद बर्दाश्त नहीं कर सकते, वो किसी दुसरे को मत दो
4. जो पहले क्षमा मांगता, वह सबसे बहादुर है
5. मोबाइल और दिल इतने साफ रखो किअगर कोई खोल कर देखे तो शर्मिंदगी न हो
6. नर्क के तीन द्वार है--- वासना,क्रोध और लालच
7. अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने  से अच्छा है कि माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाए
8. कोई हमारा बुरा नहीं कर सकता अगर हमारी नियत साफ़ है
9. अच्छे चेहरे का इम्प्रेशन कुछ समय का होता है लेकिन सुन्दर मन का इम्प्रेशन पूरी जिन्दगी होता है
10. कामयाबी के दरवाजे उन्ही के लिए खुलते है जो उन्हें खोलने के लिए खटखटाया करते है
11. कभी कभी लोग बेहतर की तलाश में बेहतरीन को खो देते है
12. हमेशा बुराई ढूँढ़ने वाला व्यक्ति उस मक्खी की तरह होता है जो स्वच्छ जगह छोड़ गन्दगी में बैठती है
13. प्रयास करते रहिये, सफल हुए तो नेतृत्व कर सकेंगे और असफल हुए तो मार्गदर्शन
14. दूसरो द्वारा स्नेह और सहयोग प्राप्त करने का आधार है ‘स्नेह’
15. अगर इन्सान खुद की गलतियों को उँगलियों पर गिनने लगे तो दुसरो की तरफ ऊँगली करने का वक्त नहीं मिलेगा
16. मन की सोच अगर पवित्र है तो समस्त संसार आपको सुंदर दिखाई देगा
17. जीतता वही है जो हारने से नहीं डरता
18. धैर्य और विश्वास के साथ प्रयास करते रहेंगे तो निश्चित ही परिणाम भी अच्छे होंगे
19. भगवान् में विश्वास रखना माना भय से मुक्ति पाना
20. हर किसी को खुश रखना शायद हमारे वश में न हो परन्तु हमारे कारण किसी को दुःख न पहुंचे, यह हमारे वश में है





       1.     सकारात्मक सोच प्रसन्नता लाती है
       2.     ईश्वरीय प्यार सर्व सुखो कि चाभी है
       3.     अन्न शरीर का आहार है और ज्ञान आत्मा का
       4.     मुश्कुराने से मुश्किले ख़त्म हो जाती है
       5.     सहन करने से साहस का गुण स्वतः आ जाता है
       6.     आलस्य का अर्थ है,अपने भाग्य का तिरस्कार करना
        7.     बात इतनी मधुर रखो कि कभी वापस लेनी पड़े तो खुद को कडवी न लगे
        8.     अंतरात्मा कि भूख ईश्वरीय प्रेम से बुझती है
        9.     विपरीत हालात में कुछ लोग टूट जाते है, वही कुछ लोग रिकार्ड तोड़ जाते है
       10.            क्रोध को जितने में मौन सबसे अधिक सहायक है
        11.            बहुत गिनाते रहे तुम दुसरो के गुण-दोष, अपने भीतर झांक लो उड़ जायेगे होश
       12.            समय के एक-एक क्षण का सदुपयोग करे, बेकार न बैठे
       13.            सफलता जिस ताले में बंद रहती हो, वह दो तालियों से खुलता है, कठिन परिश्रम और द्रढ़ सकल्प
       14.            संकल्पों कि एकाग्रता श्रेष्ठ परिवर्तन में फ़ास्ट गति ले आती है
       15.            इन्सान कहता है , खुशियाँ आये तो मै मुस्कुराऊ और खुसिया कहती है , तू मुस्कराए तो मै आऊ
       16.            मेहनत इतनी ख़ामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे
       17.            क्रोध को जीतने का सबसे अच्छा तरीका है, मौन  
       18.            आपके कर्म आपकी किस्मत तय करते है
       19.            जहाँ अभिमान होता है, वहां अपमान कि फिलिंग जरुर आती है
       20.            क्रोध अनेक बीमारियों कि जड़ है, शांति सर्वश्रेष्ठ औषधि है
       21.            हर परिस्थिति में स्वयं को मोल्ड करने वाला ही सच्चा गोल्ड बनता है
       22.            अनुभव अच्छे हो या बुरे, जिवें को एक दिशा देते है
       23.            सभी को साथ रखो लेकिन साथ में कभी स्वार्थ मत रखो
       24.            खुद से झूठ बोलना, दुसरो से झूठ बोलने से भी ज्यादा खतरनाक है





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