हम सभी अपने जीवन में जाने-अनजाने भय से रूबरू होते है | कभी यह ज्ञात का भय होता है तो कभी अज्ञात का | हम अपने भय से निजात पाना चाहते है | भय को भागने के लिए सबसे पहले स्वयं का आत्म विश्लेषण करे कि हमारे दर का कारण क्या है | जब हम अपने दर का कारण समझ जाते है तो हमारे लिए उसका सामना करना आसान हो जाता है | कई बार अमरे मन का दर अतीत में हुई किसी पुरानी घटना की वजह से भी जन्म लेता है | उदाहरण के लिए, अगर भूतकाल में कभी आपको कुत्ते ने काटा हो तो कुत्ते को देखते ही मन की स्मृति की पुरानी फ़ाइल सामने आ जाती है और भय सताता है | कुछेक बार भय का कारण किसी व्यक्ति से विशेष लगाव हो सकता है जिस कारण उसे खो देने का भय हमें सत...