ईश्वर द्वारा निर्मित इस स्रष्टि पर कोई भी वस्तु,व्यक्ति,जड़ या चैतन्य बिना किसी उपयोग के नहीं है | इसलिए व्यक्ति को हर साधन और संसाधन का बड़ी मितव्ययिता के साथ सदुपयोग करना चाहिए | जो लोग संसाधनों को व्यर्थ गंवाते है, वे बड़ी सफलता प्राप्त नहीं कर पाते है | समय,संकल्प,शक्ति, ज्ञान, गुण, तन-मन-धन और स्थूल संसाधन सभी अपना महत्व रखते है, इसलिए उनका मितव्ययिता के साथ उपयोग करना चाहिए | हर संसाधन को सफल और सार्थक करने वाले लग ही, जीवन में सफल होते है | संकल्पों की बचत :- हमारे जीवन की सबसे बड़ी शक्ति संकल्पों रुपी शक्ति है | क्योंकि हमारे विचार ही कर्म में बदल जाते है | सशक्त विचार से शक्तिशाली कर्म होते है |और दुर्बल विचार से होने वाले कर्म भी दुर्बल ही होते है | विचार अगर पवित्र है, राग,द्वेष से परे है, भय और दबाव से मुक्त है, निर्विकार है, तो ऐसे विचार सदा शुभ कर्म कराते है | इन विचारो से ही लोककल्याण व् सेवा के कर्म किये जा सकते है | इस प्रकार हमारे संकल्पो का ख़जाना एक बहुत बड़ा खजाना है, जिसे हमें व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए | व्यर्थ चिंतन, नकारात्मक चिंतन, परचिन्तन आदि में ...