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 आप हिम्मत का एक कदम बढाओं तो परमात्मा की सम्पूर्ण मदद आपके साथ होगी !

अवायड द वेस्ट



ईश्वर द्वारा निर्मित इस स्रष्टि पर कोई भी वस्तु,व्यक्ति,जड़ या चैतन्य बिना किसी उपयोग के नहीं है | इसलिए व्यक्ति को हर साधन और संसाधन का बड़ी मितव्ययिता के साथ सदुपयोग करना चाहिए | जो लोग संसाधनों को व्यर्थ गंवाते है, वे बड़ी सफलता प्राप्त नहीं कर पाते है | समय,संकल्प,शक्ति, ज्ञान, गुण, तन-मन-धन और स्थूल संसाधन सभी अपना महत्व  रखते है, इसलिए उनका मितव्ययिता के साथ उपयोग करना चाहिए | हर संसाधन को सफल और सार्थक करने वाले लग ही, जीवन में सफल होते है |

संकल्पों की बचत :- हमारे जीवन की सबसे बड़ी शक्ति संकल्पों रुपी शक्ति है | क्योंकि हमारे विचार ही कर्म में बदल जाते है | सशक्त विचार से शक्तिशाली कर्म होते है |और दुर्बल विचार से होने वाले कर्म भी दुर्बल ही होते है | विचार अगर पवित्र है, राग,द्वेष से परे है, भय और दबाव से मुक्त है, निर्विकार है, तो ऐसे विचार सदा शुभ कर्म कराते है | इन विचारो से ही लोककल्याण व् सेवा के कर्म किये जा सकते है | इस प्रकार हमारे संकल्पो का ख़जाना एक बहुत बड़ा खजाना है, जिसे हमें व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए | व्यर्थ चिंतन, नकारात्मक चिंतन, परचिन्तन आदि में हमारे संकल्पों की शक्ति बड़ी तीव्रता से हास होती है | संकल्पों की शक्ति नष्ट होने से शारीरिक और मानसिक शक्ति का भी क्षय होता है | इसलिए संकल्पों की बचत करना बहुत जरुरी है | व्यर्थ चिंतन के बदले समर्थ और सार्थक चिंतन करने से संकल्प शक्ति बढती है 

समय की बचत :– समय एक अनमोल खजाना है, जो संकल्पों की तरह ही जीवन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है | जो समय निकल जाता है, व्यर्थ हो जात अहै, वह वापस लौटकर कभी नहीं आता और हर व्यक्ति को जीवन में एक निश्चित समय और श्वांसे मिली हुई है | इसलिए समय रुपी खजाने को कभी व्यर्थ न गवाए | हर घड़ी  को सफल करे | जीवन में सफल वही होते है, जो समय को सार्थक करते है समय पर कार्य न करने से हानि उठाना पड़ सकती है | समय जीवन की सीमा है |

समय शिक्षक भी है :- कई घड़ियाँ ऐसी आती है, जब समय प्रतिकूल होता है | वह समय परीक्षा का समय होता है | जो इस परीक्षा में उत्तीर्ण हॉट एही , उनका भविष्य उज्जवल हो जाता है | परिस्थितियों से हार जाने वाले और समय की सीख को न समझने वाले बाद में पछताते है | समय के सन्दर्भ में सबसे महत्वपूर्ण बात हर मानव मात्र को ध्यान में अवश्य रखना चाहिए कि वर्तमान समय स्रष्टि परिवर्तन का समय चल रहा है | अभी अपने पुरुषार्थ द्वारा जन्म-जन्मान्तर के भाग्य को जमा करने का समय है, पतित से पावन बन्ने का व् दुआएं लेने और देने का, ज्ञान और गुणों के खजाने से माला-माल होने का समय है | इसलिए वर्तमान समय के महत्व को समझते हुए, हमें इसकी एक-एक घड़ी को सफल करना चाहिए | जो आत्माए समय और संकल्प को वेस्ट नहीं करती वही बेस्ट (श्रेष्ठ) बनती है |

सूक्ष्म खजानों को करे सफल :-  समय और संकल्प के साथ-साथ परमात्मा ने हमें ज्ञान,गुण,कला,विशेषताए, बुद्धि और शक्ति आदि सूक्ष्म खजाने प्रदान किये है | जिन्हें हम सेवा और परोपकार में लगाकर सफल कर सकते है, इसलिए हमारा ध्यान इस ओर अवश्य होना चाहिए कि ये सूक्ष्म खजाने व्यर्थ न जाए | व्यर्थ जाने का अर्थ यह भी है कि यदि हम अपने ज्ञान,गुण,शक्तियों इत्यादि को लोक कल्याण और सार्थक कार्यों में प्रयोग नहीं कर रहे है, तो भी जैसे वे खजाने वेस्ट ही हो रहे है | इसलिए खजाने की बचत कर उन्हें सेवा और सत्कार्य में लगाना ही बुद्धिमता है |
स्थूल साधन भी व्यर्थ न गवाएं :-   अक्सर ये देखा जाता है कि लोग बिजली, पानी, ईधन, अन्न और तमाम दूसरे उपयोग की वस्तुएं और स्थूल सुविधाओं के साधन अनावश्यक रूप से या तो व्यर्थ खर्च करते है या उनका दुरुपयोग  करते है | किसी भी संसाधन को व्यर्थ करना,आत्मा के ऊपर बोझ है | क्योंकि सब साधन ईश्वर ने बनाये है और यदि हम उनका दुरूपयोग करते है, उन्हें वेस्ट करते है तो जैसे यह अमानत में खयानत है | इसलिए जरुरी यह है कि हम समय और संकल्प के साथ-साथ स्थूल और सूक्ष्म सभी संसाधनों को व्यर्थ हने से बचाएं और उनका मितव्ययितापूर्वक सर्वहित में प्रयोग करे | व्यर्थ की बचत करने वाले ही, समर्थ आत्मा और सफल व्यक्तित्व वाले बनते है |

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