मनुष्य ही ऐसा सौभाग्यशाली है जिसे परमात्मा ने वरदान के रूप में मुस्कान दी है बु जुर्गो ने कहा है कि मनुष्य को खाना एक गुणा –पीना दो गुणा –कसरत तीन गुणा हँसाना चार गुणा और प्रभु चिंतन पांच गुणा करना चाहिए | खिला हुआ फूल – और मुस्कुराता हुआ चेहरा देख सब प्रभावित हो जाते है | लेकिन आजकल कि भागदौड़ कि जिन्दगी में मनुष्य मुस्कुराना भूल गया है जिस मुस्कान के लिए वो सब कुछ कर रहा है , वह मुस्कान उससे दूर होती जा रही है तनाव और मायूसी के जीवन में ही वो जी रहा है | उसे मुस्कुराने कि भी फुर्सत नहीं है | कई बार कोई काम नहीं होता है या बना हुआ कोई काम बिगड़ जाता है तो तुरंत कहते हिया “पता नहीं आज सवेरे किसकी मनहूस शक्ल देखी जो आज कोई काम नहीं हो रहा है “तभी तो लोग उठते ही भगवान के दर्शन करते है कहने का भाव – मायूस चेहरा किसी को भी अच्छा नहीं लगता | कोई कोई तो उनका हालचाल पूछने पर अपनी मायूसी छिपाने के लिए आर्टिफिशियल , दिखावे के लिए हँसते है | इसलिए छोटी – छोटी बाते से मन को भरी न करे , सदा मुस्कुराइए | मुस्कराहट आपके चेहरे का दर्पण...