आज की दुनिया में बहुत-से ऐसे बच्चे है जो एकल मात-पिता (सिंगल पेरेंटिंग) का दंश झेल रहे है | इसका अर्थ यह है कि उन्हें माता पिता दोनों का नहीं वरन दोनों में से एक का, या तो माता का या पिता का ही प्यार-दुलार में से एक की किसी दुर्घटना में या गंभीर बीमारी में मौत हो जाए या विवाह विच्छेद होने के कारण दोनों में से कोई एक दूसरी शादी कर ले या लग रहने लग जाए | आपसी विवाद के कारण, बिना तलक भी दोनों में बहुत दुरी हो जाए या एक छोड़कर चला जाए आदि-आदि | भाग्यशाली बच्चे वो माने जाते है जिन्हें दोनों का प्यार-दुलार –पालना मिले | रूहानी मात-पिता से सम्बन्ध विच्छेद अगर अध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो साड़ी मानवता, इस समय एकल मात-पिता (सिंगल पेरेंटिंग) का दंश झेल रही है | इसी कारण मनुष्यों का संतुलित विकास नहीं हो पा रहा है | किसी के व्यक्तित्व में कोई एक कमी रह जाती है तो दूसरे के व्यक्तित्व में कोई दूसरी | हर कोई तन-मन-धन और जन के आधे-अधूरे सुखो के साथ उम्र की पगडण्डी पर आगे बढ़ रहा है | इसका मूल कारण यह है कि संसार के लोग अपने एकल मात-पिता अर्थात सांसारिक मात-पिता, रूहानी मात-पिता से उनका स...